हेल्लो दोस्तों सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार,
आज मैं अपने कुछ विचार आपके साथ साझा करना चाहता हूं जो की महिलाओ से जुड़ा हुआ है |
जैसा कि हम सब इस बात से भलीभांति परिचित है कि हमारे चारो तरफ आज एक ऐसा माहौल बन चुका है कि हर रोज़ कही न कही किसी न किसी देश के कोने में हर रोज ऐसे ख़बरें सुनते हैं कि आज यहाँ बलात्कार हुआ वह बलात्कार हुआ और हम सब ये सब किसी अख़बार या टीवी में देख कर थोड़ी देर के लिए उसके बारे में सोचते हैं और उन लोगों को कोसते हैं जिन्होंने ये काम किया है |
उसके बाद हम सब अपने अपने काम काज़ में व्यस्त हो जाते हैं और कुछ ही दिन में उस खबर को भूल जाते हैं |
हक़ीक़त तो ये है कि कही न कही उस से हम सबकी ज़िन्दगी जुडी हुयी है आखिर कौन है वो लोग जो महिलाओ को बस एक बस्तु के तौर पर देखते हैं उनकी इज्जत के साथ खेलते हैं ?
वो सब हम ही हैं हाँ ये बात सच है |
हम सब जब भी किसी लड़की या महिला को देखते हैं तो उनपर कुछ न कुछ बोलते हैं क्या आप जानते हैं कि हम जिस लड़की या महिला के बारे में ये सब सोचते हैं वो भी किसी कि बहन है बेटी है बीवी है |
एक बार खुद सोचो अगर कोई हमारी बहन या बेटी के बारे में ये सब बोले जो हम दुसरो की बहन बेटियों के बारे में बोलते हैं तो मैं दावे के साथ बोल सकता हूं हमारा खून खोल जाता है क्यों ?
क्योंकि वो हमारी बहन या बेटी के साथ हुआ है |
अगर बदलना है तो हम सबको खुद से शुरुआत करनी होगी खुद कि गन्दी सोच बदलनी होगी महिलाओ के प्रति |
अगर किसी को बदलना है किसी कि सोच को बदलना है तो खुद कि सोच बदलनी होगी |
जबतक हम खुद को नहीं बदल सकते तो किसी को क्या बदलेंगे ?
हम सब सोच कर रह जाते हैं कि ये काम सरकार का है हमने सरकार किस लिए चुनी है लेकिन ये एक बहुत ही गलत धारणा है | जो लोग ये घिनोना अपराध करते हैं वो हम सबके बीच में ही हैं |
हम सरकार से क्यों उम्मीद लगाए बैठे हैं जिसके अंदर खुद ऐसे लोग हैं जो ऐसे काम करते हैं |
कुछ हमारे देश के नेता सिर्फ लड़कियो को कोसते हैं कि उन्होंने ऐसे कपडे क्यों पहने वैसे क्यों पहने ?
अरे साहब कपड़ो को बदलने से नहीं अपनी सोच बदलने से ये देश बदलेगा |
हमारे देश मुद्दे तो बहुत हैं जिन पर हम सब को खुलकर बहश करनी चाहिए लेकिन आज सबसे बड़ा मुद्दा है तो वो है महिलाओ कि इज्जत का सवाल |
अगर महिलाये न होती तो हम सब न होते शायद ये संसार न होता जिन्होंने इस दुनिया को बनाया है आज हम उनकी ही इज्जत करना भूल गए हैं |
अगर आपको भी अपनी लाइफ में आगे बढ़ना है तो भी एक महिला के बिना आप नहीं बढ़ सकते वो महिला माँ के रूप में पत्नी के रूप में या बहन के रूप में कही न कही आपकी ज़िन्दगी में सफल होने में योगदान देती है |
इसीलिए बस इतना ही कहूंगा महिलाओ कि इज्जत करें वो अपने परिवार कि हो या दूसरे परिवार कि और किसी को सीख देने से पहले खुद को बदले अपनी सोच बदलें क्योंकि जब तक हम खुद को नहीं बदल सकते तो कुछ नहीं बदल सकते |
और आगे से किसी भी लड़की के बारे में कुछ बोलने से पहले एक बार सोचें कि उसकी जगह आपकी बहन को कोई कुछ बोले तो आपको कैसा लगेगा ?
आशा करता हूं कि आप सभी को इसे पड़कर शायद ये महसूस हुआ होगा कि अब समय आ गया इस देश को बदलने के लिए और उससे पहले अपनी सोच को |अगर आप लोग अपने विचार साझा करना चाहते हैं तो कमैंट्स बॉक्स में कमैंट्स करें
आप सभी का बहुत बहुत धन्यबाद
आज मैं अपने कुछ विचार आपके साथ साझा करना चाहता हूं जो की महिलाओ से जुड़ा हुआ है |
जैसा कि हम सब इस बात से भलीभांति परिचित है कि हमारे चारो तरफ आज एक ऐसा माहौल बन चुका है कि हर रोज़ कही न कही किसी न किसी देश के कोने में हर रोज ऐसे ख़बरें सुनते हैं कि आज यहाँ बलात्कार हुआ वह बलात्कार हुआ और हम सब ये सब किसी अख़बार या टीवी में देख कर थोड़ी देर के लिए उसके बारे में सोचते हैं और उन लोगों को कोसते हैं जिन्होंने ये काम किया है |
उसके बाद हम सब अपने अपने काम काज़ में व्यस्त हो जाते हैं और कुछ ही दिन में उस खबर को भूल जाते हैं |
हक़ीक़त तो ये है कि कही न कही उस से हम सबकी ज़िन्दगी जुडी हुयी है आखिर कौन है वो लोग जो महिलाओ को बस एक बस्तु के तौर पर देखते हैं उनकी इज्जत के साथ खेलते हैं ?
वो सब हम ही हैं हाँ ये बात सच है |
हम सब जब भी किसी लड़की या महिला को देखते हैं तो उनपर कुछ न कुछ बोलते हैं क्या आप जानते हैं कि हम जिस लड़की या महिला के बारे में ये सब सोचते हैं वो भी किसी कि बहन है बेटी है बीवी है |
एक बार खुद सोचो अगर कोई हमारी बहन या बेटी के बारे में ये सब बोले जो हम दुसरो की बहन बेटियों के बारे में बोलते हैं तो मैं दावे के साथ बोल सकता हूं हमारा खून खोल जाता है क्यों ?
क्योंकि वो हमारी बहन या बेटी के साथ हुआ है |
अगर बदलना है तो हम सबको खुद से शुरुआत करनी होगी खुद कि गन्दी सोच बदलनी होगी महिलाओ के प्रति |
अगर किसी को बदलना है किसी कि सोच को बदलना है तो खुद कि सोच बदलनी होगी |
जबतक हम खुद को नहीं बदल सकते तो किसी को क्या बदलेंगे ?
हम सब सोच कर रह जाते हैं कि ये काम सरकार का है हमने सरकार किस लिए चुनी है लेकिन ये एक बहुत ही गलत धारणा है | जो लोग ये घिनोना अपराध करते हैं वो हम सबके बीच में ही हैं |
हम सरकार से क्यों उम्मीद लगाए बैठे हैं जिसके अंदर खुद ऐसे लोग हैं जो ऐसे काम करते हैं |
कुछ हमारे देश के नेता सिर्फ लड़कियो को कोसते हैं कि उन्होंने ऐसे कपडे क्यों पहने वैसे क्यों पहने ?
अरे साहब कपड़ो को बदलने से नहीं अपनी सोच बदलने से ये देश बदलेगा |
हमारे देश मुद्दे तो बहुत हैं जिन पर हम सब को खुलकर बहश करनी चाहिए लेकिन आज सबसे बड़ा मुद्दा है तो वो है महिलाओ कि इज्जत का सवाल |
अगर महिलाये न होती तो हम सब न होते शायद ये संसार न होता जिन्होंने इस दुनिया को बनाया है आज हम उनकी ही इज्जत करना भूल गए हैं |
अगर आपको भी अपनी लाइफ में आगे बढ़ना है तो भी एक महिला के बिना आप नहीं बढ़ सकते वो महिला माँ के रूप में पत्नी के रूप में या बहन के रूप में कही न कही आपकी ज़िन्दगी में सफल होने में योगदान देती है |
इसीलिए बस इतना ही कहूंगा महिलाओ कि इज्जत करें वो अपने परिवार कि हो या दूसरे परिवार कि और किसी को सीख देने से पहले खुद को बदले अपनी सोच बदलें क्योंकि जब तक हम खुद को नहीं बदल सकते तो कुछ नहीं बदल सकते |
और आगे से किसी भी लड़की के बारे में कुछ बोलने से पहले एक बार सोचें कि उसकी जगह आपकी बहन को कोई कुछ बोले तो आपको कैसा लगेगा ?
आशा करता हूं कि आप सभी को इसे पड़कर शायद ये महसूस हुआ होगा कि अब समय आ गया इस देश को बदलने के लिए और उससे पहले अपनी सोच को |अगर आप लोग अपने विचार साझा करना चाहते हैं तो कमैंट्स बॉक्स में कमैंट्स करें
आप सभी का बहुत बहुत धन्यबाद